Adoption of Old Pension Scheme – Reason of denial stated by Govt.
Adoption of Old Pension Scheme – Reason of denial stated by Govt पुरानी पेंशन योजना को अपनाना – सरकार द्वारा अस्वीकृति का कारण बताया गया
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS
(DEPARTMENT OF PENSION & PENSIONERS’ WELFARE)
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 1
(TO BE ANSWERED ON 02.02.2023)
ADOPTION OF OLD PENSION SCHEME
1 DR. ASHOK KUMAR MITTAL:
Will the PRIME MINISTER be pleased to state:
(a) whether the Ministry plans to revert back to the Old Pension Scheme, if not, the reasons thereof;
(b) the steps taken by the Ministry to solve grievances of pensioners; and
(c) whether the Ministry plans to increase Government share in contribution in NPS, if not, the reasons therefor?
ANSWER
MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS AND MINISTER OF STATE IN THE PRIME MINISTER’S OFFICE (DR. JITENDRA SINGH)
(a): The National Pension System (NPS) was introduced for Central Government employees vide Ministry of Finance (Department of Economic Affairs) Notification No. 5/7/2003-ECB & PR dated 22.12.2003 for all new recruits joining the Central Government service (except armed forces) from 01.01.2004.
On introduction of the National Pension System, the Central Civil Services (Pension) Rules, 1972 were amended. Accordingly, the benefits of old pension scheme under the Central Civil Services (Pension) Rules, 1972 are not admissible to the Central Government civil employees appointed on or after 01.01.2004, under the amended rules.
(b): Department of Pension and Pensioners’ Welfare monitors pension related grievances through online portal. The Department conducts regular Inter-Ministerial review meetings on delayed redressal of pension related grievances and also conducts Pension Adalat for redressal of long pending pension related grievances.
(c): Ministry of Finance has increased the Government share in contribution in National Pension System from 10 percent to 14 percent of the emoluments w.e.f. 01.04.2019.
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भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
(पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग )
राज्यसभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 1
(दिनांक 02.02.2023 को उत्तर दिया जाना है)
पुरानी पेंशन योजना को अपनाना
1. डॉ. अशोक कुमार मित्तल:
क्या प्रधानमंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) कया मंत्रालय पुरानी पेंशन योजना को वापस लाने की योजना बना रहा है, यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है;
(ख) पेंशनभोगियों की शिकायतों के समाधान के लिए मंत्रालय द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं; और
(ग) कया मंत्रालय का एनपीएस में सरकार द्वारा किए जाने वाले अंशदान को बढ़ाने का विचार है, यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?
त्तर
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री और प्रधानमंत्री कायौलय में राज्य मंत्री (डा. जितेंद्र सिंह)
(क) वित्त मंत्रालय (आर्थिक कार्य विभाग) के दिनांक 22. .12.2003 की अधिसूचना सं.5/7/2003-ईसीबी&पीआरद्वारा केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए दिनांक 01.01.2004 से केंद्रीय सरकार की सेवा में हुई सभी नई भर्तियों (सशस्त्र बल्रों को छोड़कर) के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली(एनपीएस) को लागू किया गया था।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के लागू होने . पर, केंद्रीय सिवित्र सेवा(पेंशन) नियमावली, 1972 में संशोधन किया गया। तदनुसार , केंद्रीय सिविल सेवा(पेंशन) नियमावली, 1972 के अधीन पुरानी पेंशन योजना के लाभ , संशोधित नियमों के अधीन दिनांक 01.01.2004 को या उसके पश्चात् नियुक्त केंद्र सरकार के सिविल कर्मचारियों के लिए अनुजेय नहीं हैं।
(ख) पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पेंशन संबंधी शिकायतों की निगरानी करता है। विभाग पेंशन संबंधी शिकायतों के विलंबित निपटान पर नियमित अंतर-मंत्रालयी समीक्षा बैठकें आयोजित करता है और लंबे समय से लंबित पेंशन संबंधी शिकायतों के निवारण के लिए पेंशन अदालत भी आयोजित करता है।
(ग) वित्त मंत्रालय ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में सरकार द्वारा किए जाने वालेअंशदान कोदिनांक 01.04.2019 से परिलब्धियोंके 10 प्रतिशत से बढाकर परिलब्धियों के 14 प्रतिशत कर दिया है।
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